इश्क़ में फ़ना हूँ उसके, औऱ उसे ही नहीं मालूम, इश्क़ में फ़ना हूँ उसके, औऱ उसे ही नहीं मालूम,
इश्क की बीमारी तुमको क्यों नहीं लगती है, तुम बरसों की जुदाई खुद कैसे सह लोगे। इश्क की बीमारी तुमको क्यों नहीं लगती है, तुम बरसों की जुदाई खुद कैसे सह लोगे...
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में
शीशे में शीशे में
क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों में याद उसकी सुख दुःख ... क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों मे...